तेरापंथ महिला मंडल बालोतरा द्वारा LIVE कार्यशाला का आयोजन किया गया
बालोतरा। न्यू तेरापंथ भवन बालोतरा में साध्वी रति प्रभा जी सहित पांच साध्वीयो के सानिध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल बालोतरा के तत्वाधान में 16 भावनाओं में से 4 भावना की कार्यशाला का आयोजन किया गया मंत्री रानी बाफना ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के तहत लॉक डाउन के चलते गोष्टी तो हम नहीं कर पाए भवन में ,लेकिन जूम एप के द्वारा हमने कार्यशाला का आयोजन कियाl सर्वप्रथम कार्यशाला का प्रारंभ साध्वी श्री जी के द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुआ तत्पश्चात प्रेरणा गीत का संज्ञान गाया गया उसके बाद अध्यक्षता देवी ओस्तवाल ने ढाई महीनों के बाद हुई मीटिंग पर सभी बहनों का स्वागत कियाl
साध्वी श्री रति प्रभा जी ने फरमाया कि भावना साधना का एक महत्वपूर्ण आयाम है अनादि काल से संसारी आत्मा संसार में परिभ्रमण कर रही हैं इस चक्र से मुक्त होना अध्यात्म साधकों के लिए एक पहेली है इसे भेदने के लिए अनुभव सिद्ध ऋषि-मुनियों ने भावना को एक योग साधना बताया है कैसे भी कषाय व वासना जन्य संस्कार क्यों ना हो भावना के प्रयोग व चिंतन से उन संस्कारों को न्यूनतम व क्षीण किया जा सकता है फलत: संसार चक्र से मुक्त बन है
अन्यत्व भावना इसका चिंतन इस प्रकार हैं जब मेरा शरीर ही मेरा नहीं तो घर परिवार कुटुंब धन आदि मेरी कैसे हो सकते हैं शरीर व आत्मा अलग-अलग हैं शरीर जड़ नाशवान अस्तित्व क्षणभंगुर है पर आत्मा शाश्वत हैं
अशुचि भावना उसका चिंतन इस प्रकार है शरीर मल मूत्र रक्त मांस आदि सूची का भंडार है अतः तन को सजाने संवारने के बजाय आत्मा को साधने की आवश्यकता है जो संयम तप आदि द्वारा संभव है
आस्रव भावना इसका चिंतन इस प्रकार है कि कर्मों का आगमन आश्रव द्वारों से होता है जब तक यह द्वार खुले हैं तब तक मनुष्य अपने निज स्वरूप को भूलकर संसार में बार-बार जन्म मरण कर दुख कष्ट जेलता है
संवर भावना इसका चिंतन इस प्रकार है कि आत्मा पर आश्रव द्वारों से आने वाले कर्मों को कैसे रोका जा सकता है सम्यकत्व , व्रत आदि संवर उपायों पर चिंतन करना
भक्तांबर और चौबीसी कंठस्थ करने की प्रेरणा दी गई और इसकी ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा इसकी सूचना दी गई l
कार्यशाला में कोरोना वैश्विक बीमारी में जरूरतमंद लोगों को राहत कोष में सहायता करने वाले सभापति सुमित्रा जी वैद्य मेहता, पूर्व सभापति प्रभाजी सिंगवी, अध्यक्ष अयोध्या देवी ओस्तवाल , परामर्शक कमलादेवी ओस्तवाल इन्होंने बड़ी राहत कोष राशन सामग्री सैनिटाइजर ,मास्क,डॉ पीपी ई किट, राशि तेरापंथ महिला मंडल के बैनर तले वितरण की है और संपूर्ण महिला मंडल सदस्य पदाधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया गया ।
पूज्य गुरुदेव की अनुपम कृपा से बालोतरा में जप, तप अनुष्ठान हुआ उसका विवरण बताया गया , 2 महीनों में कितने तपस्या और जप तप हुए lक्योंकि हमारा बालोतरा आध्यात्मिक क्षेत्र है और वहां पर अभी तक एक भी कोरोनावायरस पोसिटिव केस नहीं आया है यह सब हमारे धर्म का प्रताप है
उपाध्यक्ष उर्मिला जी सालेचा और सदस्य श्वेता जी सालेचा ने चार भावनाओं के प्रति अपने भाव प्रकट किए परामर्श कमलादेवी ओस्तवाल और सह मंत्री संगीता जी बोथरा ने साध्वी श्री जी का, झूम एप के द्वारा मीटिंग करवाने के लिए कन्या मंडल संयोजिका विधि भंसाली ,एमएमबी जी प्रभारी खुशाल जी और सभी महिला मंडल सदस्य का आभार ज्ञापन किया और पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, पूर्व बालोतरा अध्यक्ष विमला जी गोलेछा जाने सभी पदाधिकारी टीम का हौसला अफजाई किया कि आप अच्छा काम कर रहे हैं और आगे ही ऐसे करते रहे सभी बहनों को बहुत अच्छा लगा मीटिंग करके l कुशल संचालन मंत्री रानी बाफना ने किया l
साध्वी श्री रति प्रभा जी ने फरमाया कि भावना साधना का एक महत्वपूर्ण आयाम है अनादि काल से संसारी आत्मा संसार में परिभ्रमण कर रही हैं इस चक्र से मुक्त होना अध्यात्म साधकों के लिए एक पहेली है इसे भेदने के लिए अनुभव सिद्ध ऋषि-मुनियों ने भावना को एक योग साधना बताया है कैसे भी कषाय व वासना जन्य संस्कार क्यों ना हो भावना के प्रयोग व चिंतन से उन संस्कारों को न्यूनतम व क्षीण किया जा सकता है फलत: संसार चक्र से मुक्त बन है
अन्यत्व भावना इसका चिंतन इस प्रकार हैं जब मेरा शरीर ही मेरा नहीं तो घर परिवार कुटुंब धन आदि मेरी कैसे हो सकते हैं शरीर व आत्मा अलग-अलग हैं शरीर जड़ नाशवान अस्तित्व क्षणभंगुर है पर आत्मा शाश्वत हैं
अशुचि भावना उसका चिंतन इस प्रकार है शरीर मल मूत्र रक्त मांस आदि सूची का भंडार है अतः तन को सजाने संवारने के बजाय आत्मा को साधने की आवश्यकता है जो संयम तप आदि द्वारा संभव है
आस्रव भावना इसका चिंतन इस प्रकार है कि कर्मों का आगमन आश्रव द्वारों से होता है जब तक यह द्वार खुले हैं तब तक मनुष्य अपने निज स्वरूप को भूलकर संसार में बार-बार जन्म मरण कर दुख कष्ट जेलता है
संवर भावना इसका चिंतन इस प्रकार है कि आत्मा पर आश्रव द्वारों से आने वाले कर्मों को कैसे रोका जा सकता है सम्यकत्व , व्रत आदि संवर उपायों पर चिंतन करना
भक्तांबर और चौबीसी कंठस्थ करने की प्रेरणा दी गई और इसकी ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा इसकी सूचना दी गई l
कार्यशाला में कोरोना वैश्विक बीमारी में जरूरतमंद लोगों को राहत कोष में सहायता करने वाले सभापति सुमित्रा जी वैद्य मेहता, पूर्व सभापति प्रभाजी सिंगवी, अध्यक्ष अयोध्या देवी ओस्तवाल , परामर्शक कमलादेवी ओस्तवाल इन्होंने बड़ी राहत कोष राशन सामग्री सैनिटाइजर ,मास्क,डॉ पीपी ई किट, राशि तेरापंथ महिला मंडल के बैनर तले वितरण की है और संपूर्ण महिला मंडल सदस्य पदाधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया गया ।
पूज्य गुरुदेव की अनुपम कृपा से बालोतरा में जप, तप अनुष्ठान हुआ उसका विवरण बताया गया , 2 महीनों में कितने तपस्या और जप तप हुए lक्योंकि हमारा बालोतरा आध्यात्मिक क्षेत्र है और वहां पर अभी तक एक भी कोरोनावायरस पोसिटिव केस नहीं आया है यह सब हमारे धर्म का प्रताप है
उपाध्यक्ष उर्मिला जी सालेचा और सदस्य श्वेता जी सालेचा ने चार भावनाओं के प्रति अपने भाव प्रकट किए परामर्श कमलादेवी ओस्तवाल और सह मंत्री संगीता जी बोथरा ने साध्वी श्री जी का, झूम एप के द्वारा मीटिंग करवाने के लिए कन्या मंडल संयोजिका विधि भंसाली ,एमएमबी जी प्रभारी खुशाल जी और सभी महिला मंडल सदस्य का आभार ज्ञापन किया और पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, पूर्व बालोतरा अध्यक्ष विमला जी गोलेछा जाने सभी पदाधिकारी टीम का हौसला अफजाई किया कि आप अच्छा काम कर रहे हैं और आगे ही ऐसे करते रहे सभी बहनों को बहुत अच्छा लगा मीटिंग करके l कुशल संचालन मंत्री रानी बाफना ने किया l

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