बैंक कर्मी निभा रहे कोरोना वारियर्स की भूमिका
बालोतरा। शहर की बैंको में इन दिनों एक ओर आम लोगो द्वारा रुपये निकलने की भीड़ नजर आ रही है और दूसरी ओर कोरोना का खतरा।इस दोनों का सामना करते हुए बैंको में कर्मचारी कोराना योद्धा के रूप में काम कर रहे हैं वे एक ओर जहां खुद का बचाव करते हुए काम करते है तो दूसरी ओर आने वाले लोगो के हाथों को सेनेटाइज करवाकर उनको भी कोरोनो से महफूज करने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
शहर को बैंको में अगर आज की तारीख में किसी को सबसे ज्यादा लोगों के संपर्क में रहना पड़ रहा है तो वह बैंक कर्मी ही हैं। लेकिन आज तकरीबन हर बैंक में रोज तीन सौ से लेकर पांच छह सौ लोग जा रहे हैं. इनमे से ज्यादा संख्या गरीब और अनपढ़ तबके के लोगों की है, क्योंकि उनके खातों में सरकार ने पांच सौ रुपये डाल दिए हैं।अब इन लोगों को पहले खाते में मौजूद बैलेंस बताना है, फिर उनका विथड्रॉल स्लिप भरवाना है और उसके बाद पेमेंट भी करना है. इसके लिए हर शाखा में कम से कम चार लोग ग्राहकों से सीधे संपर्क में आते हैं. जो भी ग्राहक शाखा में आ रहा है उसके बारे में किसी को पता नहीं है कि वह संक्रमित है या नहीं. लेकिन हर तरह का खतरा उठाते हुए भी बैंककर्मी लगातार अपने कार्य में लगे हुए हैं।सोशल डिस्टेंसिंग भी बैंक कर्मियों को ही मेन्टेन करवानी है। शहर की अनेकों बैंको में बाहर के कर्मचारी भी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
इनका कहना है---
लगातार काम के बीच यह ध्यान रखना जरूरी होता है कि एक पास बुक या कागजात को भी छूने के बाद तत्काल हाथ को सेनेटाईजर का प्रयोग किया जाता है इससे हम किसी भी व्यक्ति में अगर सक्रमण हो तो भी दूसरे व्यक्ति में पहुचने में बचाते हैं।
नरेन्द्र सिंह, पंजाब नेशनल बैंक
इस समय चाहे बीमा पॉलिसी हो या फिर कोई कागजात हो ग्राहक द्वारा देने पर उसे सबसे पहले सेनेटाईज करता होता है।इसके लिए हम सभी खाताधारकों से उचित दूरी बनवाकर कागज ले रहे हैं।
सुरेन्द्र सोनी, स्टेट बैंक आफ इंडिया
शहर को बैंको में अगर आज की तारीख में किसी को सबसे ज्यादा लोगों के संपर्क में रहना पड़ रहा है तो वह बैंक कर्मी ही हैं। लेकिन आज तकरीबन हर बैंक में रोज तीन सौ से लेकर पांच छह सौ लोग जा रहे हैं. इनमे से ज्यादा संख्या गरीब और अनपढ़ तबके के लोगों की है, क्योंकि उनके खातों में सरकार ने पांच सौ रुपये डाल दिए हैं।अब इन लोगों को पहले खाते में मौजूद बैलेंस बताना है, फिर उनका विथड्रॉल स्लिप भरवाना है और उसके बाद पेमेंट भी करना है. इसके लिए हर शाखा में कम से कम चार लोग ग्राहकों से सीधे संपर्क में आते हैं. जो भी ग्राहक शाखा में आ रहा है उसके बारे में किसी को पता नहीं है कि वह संक्रमित है या नहीं. लेकिन हर तरह का खतरा उठाते हुए भी बैंककर्मी लगातार अपने कार्य में लगे हुए हैं।सोशल डिस्टेंसिंग भी बैंक कर्मियों को ही मेन्टेन करवानी है। शहर की अनेकों बैंको में बाहर के कर्मचारी भी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
इनका कहना है---
लगातार काम के बीच यह ध्यान रखना जरूरी होता है कि एक पास बुक या कागजात को भी छूने के बाद तत्काल हाथ को सेनेटाईजर का प्रयोग किया जाता है इससे हम किसी भी व्यक्ति में अगर सक्रमण हो तो भी दूसरे व्यक्ति में पहुचने में बचाते हैं।
नरेन्द्र सिंह, पंजाब नेशनल बैंक
इस समय चाहे बीमा पॉलिसी हो या फिर कोई कागजात हो ग्राहक द्वारा देने पर उसे सबसे पहले सेनेटाईज करता होता है।इसके लिए हम सभी खाताधारकों से उचित दूरी बनवाकर कागज ले रहे हैं।
सुरेन्द्र सोनी, स्टेट बैंक आफ इंडिया

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